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कोटाएक घंटा पहले
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कोटा उत्तर के 70 वार्डो के 3 लाख 32 हजार 792 मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे।
- 80 सीटों के लिए दूसरे चरण में चुनाव होना है, कुल 150 सीटों पर होगा चुनाव
- वोटिंग दौरान कोविड के दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना करने निर्देश दिए गए
कोटा उत्तर नगर निगमों में गुरुवार को प्रथम चरण के चुनाव शुरू हुआ। जिसमें कोटा उत्तर में 70 सीटों के लिए 225 प्रत्याशी मैदान में हैं। कई सीटों पर 2 से अधिक 8 प्रत्याशी तक लड़ रहे हैं। वहीं, 80 सीटों के लिए दूसरे चरण में चुनाव होना है। इन 150 सीटों के लिए करीब 2600 लोगों टिकट मांगा था। वोटिंग दौरान कोविड के दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना करने निर्देश दिए गए हैं।
कोटा उत्तर के 70 वार्डो के 3 लाख 32 हजार 792 मतदाताओं में से 1 लाख 70 हजार 959 पुरुष, 1 लाख 61 हजार 831 महिला व 2 अन्य मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वैकल्पिक दस्तावेजों से भी हो सकेगा मतदान
चुनाव आयुक्त पी.एस मेहरा ने बताया कि मतदान के लिए प्रत्येक मतदाता भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्र अपने साथ जरूर लाएं। इनके अभाव में 11 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक को दिखाकर भी मतदाता अपना वोट डाल सकते हैं। ये दस्तावेज निम्न हैं- आधारकार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स, आयकर पहचान पत्र (पीएएन), सांसदों, विधानसभा सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र, राज्य या केन्द्र सरकार राज्य पब्लिक लिमिटेड कंपनी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, श्रम मंत्रालय द्वारा जारी फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज जैसे कि भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन अदायगी आदेश, भूतपूर्व सैनिक विधवा या आश्रित प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था पेंशन आदेश या विधवा पेंशन आदेश (निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी), सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्र प्रमाण पत्र (निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी), सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र (निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सहकारी बैंक या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक (निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी)।
कलेक्टर ने मतदान दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने प्रथम चरण में कोटा उत्तर में 29 अक्टूबर गुरुवार एवं द्वितीय चरण में नगर निगम कोटा दक्षिण में 1 नवम्बर रविवार को मतदान दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। पुनर्मतदान की स्थिति में जहां पुनर्मतदान होगा उस मतदान क्षेत्र या क्षेत्रों में भी पुनर्मतदान दिवस पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा।
केंद्र में बिना मास्क के प्रवेश नहीं
मेहरा ने कहा कि नगर निगम के प्रत्येक मतदाता को कोरोना जैसी महामारी से बचने के साथ मतदान प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभानी है। उन्होंने कहा कि सभी मतदाता अपने घर से मास्क लगाकर मतदान के लिए जाएं। केंद्र में बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मतदान केंद्र में जाने से पहले हाथों को सेनेटाइज करें और मतदान के समय पंक्ति में खड़े रहने के दौरान चिन्हित गोलों पर खड़े रहकर या सामाजिक दूरी बनाते हुए अपनी बारी का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान सीनियर सिटीजन और दिव्यांगजनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने मतदाता, उम्मीदवार या उनके समर्थकों से मतदान केंद्र या आसपास भीड़ या समूह में खड़े नहीं रहने की भी अपील की।
नियन्त्रण कक्ष से मिलेगी चुनावी संबंधी प्रत्येक जानकारी
मेहरा ने बताया कि चुनाव कार्य से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान एवं आमजन द्वारा चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि के बारे में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए आयोग द्वारा मुख्यालय एवं जिला स्तर पर चुनाव नियन्त्रण कक्ष स्थापित किए थे, जोकि लगातार पारियों के अनुसार रात-दिन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी जानकारी के लिए आमजन जयपुर मुख्यालय पर स्थित नियंत्रण कक्ष में 0141-2385855, 2385064, 2385063 पर कॉल कर सकते हैं।
दिव्यांगजनों के लिए है विशेष सुविधा
चुनाव आयुक्त ने बताया कि दिव्यांग मतदाताओं की मदद के लिए आयोग ने विशेष व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि मतदान केन्द्रों पर दिव्यांगजनों की मदद के लिए स्थानीय स्तर पर स्काउट गाइड, एनएसएस और एनसीसी के वोलेंटियर लगाए जाएंगे। कई निगमों पर दिव्यांगजनों को एवं उनके सहायकों को घर से लाने ले जाने के लिए भी परिवहन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि हर दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
रोचक तथ्य
पार्षदों को मानदेय व भत्ते के रूप में जो राशि मिलती है वो न्यूनतम मजदूरी से भी कम 3750 रुपए प्रतिमाह यानि 125 रुपए प्रतिदिन मिलता है। वहीं महापौर को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मिलता है। उपमहापौर को तो वो भी नहीं मिलता। उपमहापौर को मानदेय के बदले वाहन सुविधा व स्टाफ मिलता है।
इसलिए बनना चाहते हैं पार्षद
- इतना कम मानदेय हाेने के बाद भी पार्षद पद के लिए इतना आकर्षण हाेने के पीछे जाे कारण है वाे है, इस पद का मान सम्मान। गरिमा और विकास की मजबूत कड़ी।
- जिस प्रकार से महापाैर काे शहर का प्रथम नागरिक का दर्जा हाेता है उसी तरफ पार्षद वार्ड का प्रथम नागरिक हाेता है।
- राजनीतिक कॅरियर में जनप्रतिनिधि बनने की यह पहली सीढ़ी हाेती है।
- पार्षद के पास सफाई, राेड लाइट, गार्डन, सड़क की जिम्मेदारी हाेती है।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन वार्ड पार्षद की अनुशंसा पर मिलती है।
- नगर निगम के सदस्य के रूप में पूरे शहर के विकास और सामाजिक कार्याे की जिम्मेदारी होती है।
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