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काउंटी की टीम ससेक्स के लिए खेलते हैं मिच
आईसीसी (ICC) के नियामों के मुताबिक गेंद को चमकाने के लिए उसपर लार या किसी भी ओर तरह के कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है
गेंद पर सेनेटाइजर लगाने का था आरोप
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इस मामले की जांच शुरू की है. ससेक्स ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘मिडिलसेक्स के खिलाफ हमारे मैच के दौरान गेंद पर सेनेटाइजर लगाने के आरोपों की ईसीबी की जांच का नतीजा आने तक मिच क्लेडन को निलंबित किया जाता है. इस समय और कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती.’
कोरोना वायरस महामारी के बीच कड़े स्वास्थ्य नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद और विभिन्न देशों के बोर्ड ने गेंद को चमकाने के लिए गेंद पर लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया है लेकिन साथ ही किसी अन्य कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल को भी स्वीकृति नहीं दी गई है. इस निलंबन के कारण यह अनुभवी तेज गेंदबाज सरे के खिलाफ टीम के अगले बॉब विलिस ट्रॉफी मैच में नहीं खेल पाएगा.विदेश में जन्में इन 4 क्रिकेटर्स ने किया भारत का नाम रोशन, टीम इंडिया को दिलाई थी कई बड़ी जीत
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अजीम रफीक के मामले की भी शुरू हुई जांच
इंग्लैंड के पूर्व अंडर-19 कप्तान अजीम रफीक (Azeem Rafiq) ने दावा किया कि जब वह काउंटी टीम यॉर्कशर में थे तो नस्लवाद के कारण वह आत्महत्या करने के बारे में भी सोचने लगे थे.यॉर्कशायर ने इस बयान के बाद पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. रफीक ने क्लब पर संस्थागत रूप से नस्लवादी होने का आरोप लगाया था. कराची में जन्मे इस ऑफ स्पिनर ने क्लब में कप्तानी की जिम्मेदारी भी संभाली. उन्होंने कहा कि उन्हें बाहरी व्यक्ति (आउटसाइडर) जैसा लगता था और 2016 से 2018 के बीच खेलने के दौरान जब उन्होंने नस्ली व्यवहार की शिकायत की तो उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया जिसके बाद उनका मानवता से भरोसा ही उठ गया.
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