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जोधपुर6 घंटे पहले
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एनएलयू छात्र की मौत की जांच के लिए पहुंची टीम ने इस तरह से डमी बनाए।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विशेष जांच टीम गठित
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एक विशेष जांच टीम ने बुधवार को साल 2017 में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) जोधपुर के एक छात्र की मौत के मामले की जांच शुरू की। इस टीम के सदस्यों ने छात्र के रेलवे ट्रैक के किनारे मिले शव के सीन को रिक्रिएट किया।
प्रत्येक एंगल से परखा गया कि ट्रेन की टक्कर लगने पर छात्र किस तरह उछला होगा। एक रेल इंजन से पुतलों की टक्कर करवाई गई। इसके आधार पर तय किया जाएगा कि छात्र की हत्या हुई थी या फिर उसने आत्महत्या की थी। यह कमेटी सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
एनएलयू के छात्र विक्रांत का शव 14 अगस्त, 2017 को मंडोर रेलवे स्टेशन की पटरी के पास पाया गया था। घटना के बाद इसे आत्महत्या बताया गया था। विक्रांत के पिता जयंत कुमार ने मृत्यु के कारणों की जांच के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के कई बार प्रयास किए, लेकिन पुलिस ने कार्यवाही नहीं की।
लगातार प्रयासों के बाद जून, 2018 में सीआईडी सीबी ने एफ़आईआर दर्ज की। इस एफ़आईआर के दर्ज होने के बावजूद अनुसंधान में कोई प्रगति नहीं हुई, जिसे हाईकोर्ट के संज्ञान में लाया गया था। हाईकोर्ट ने इसी साल 24 फरवरी को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी थी।
इस मामले को सीबीआई जांच के आदेश की मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में पेश करने पर पिछले महीने राज्य सरकार से जवाब-तलब किया गया था। साथ ही विशेषज्ञों की एक विशेष जांच टीम गठित कर दो माह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इस जांच टीम में सीआईडी सीबी व स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अलावा फिजिक्स, फोरेंसिंक, रेलवे के इंजीनियर, आईआईटी, एफएसएल, टैक्सटाइल, एम्स के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।
इस टीम ने आज हादसा स्थल पर जाकर सीन रिक्रिएट किया। सभी ने आज बैठक कर पहले रूपरेखा तय की। इसके बाद पूरी टीम कई डमी लेकर रेलवे ट्रैक पर पहुंची। हादसा स्थल पर इंजन के सामने डमी को खड़ा कर देखा गया कि टक्कर लगने के बाद वह किस तरह और कितनी दूरी तक उछलता है।
साथ ही यह देखा गया कि वह किस तरह नीचे गिरता है। साथ ही उसका मोबाइल भी किस दिशा में गिरता है। आज मृतक छात्र के वजन के बराबरी के पांच-सात पुतले लेकर जांच टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद इस ट्रैक पर चलने वाली ट्रेन की रफ्तार के बराबरी रफ्तार से एक इंजन को लाया गया। पुतलों को कभी इंजन के ठीक सामने मुंह करके तो कभी पीठ करके खड़ा किया गया। हर बार इंजन की टक्कर लगने पर पुतलों के दूर या निकट गिरने का अध्ययन किया गया। इसके साथ ही यह देखा गया कि छात्र का शव ट्रैक किनारे किस स्थिति में पड़ा मिला था।
इन सभी तथ्यों का टीम ने आज अध्ययन किया। इसके आधार पर विशेष जांच टीम रिपोर्ट तैयार करेगी कि यह आत्महत्या है या फिर हत्या। इस टीम को दो माह के भीतर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।
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