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जयपुर5 घंटे पहले
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- एक साल के काम में लगा दिए पौने तीन साल, इंजीनियरों ने मानी विभाग की गलती
(श्यामराज शर्मा)। जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से करवाई जांच में इंजीनियरों के अतिरिक्त चार्ज के दौरान होने वाले ‘बड़े खेल’ का खुलासा हुआ है। अतिरिक्त चार्ज पर लगे एक्सईएन ने घटिया क्वालिटी की पेयजल स्कीम का पांच दिन में बिल बना कर पेमेंट के लिए ट्रेजरी में फाइल भी भेज दी। जबकि यह मामला प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली फाइनेंस कमेटी से अप्रूवल होना था। चीफ इंजीनियर ने ठेकेदार को फायदा देने के लिए एईएन की रिपोर्ट पर ही समय बढ़ाते हुए ठेकेदार को ज्यादा पेमेंट के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
अब इस मामले में तत्कालीन चीफ इंजीनियर आईडी खान, अधीक्षण अभियंता आरसी मीना, एक्सईएन जेएसडी कटारा सहित अन्य इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई होनी है। विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव का कहना है कि फाइनल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
चार्ज के साथ ही आया ठेकेदार का प्रार्थना पत्र
तत्कालीन एक्सईएन सुनील राजवंशी के छुट्टी पर जाने के कारण एक्सईएन जेएसडी कटारा को 21 जनवरी 2019 को चार्ज दिया। ठेकेदार मैसर्स कश्मीरी लाग कॉन्ट्रेक्टर ने इसी दिन फाइनल पेमेंट का प्रार्थना पत्र लगाया। एक्सईएन ने समयवृद्धि व लागत बढ़ने का प्रकरण 22 जनवरी 2019 को अधीक्षण अभियंता आरसी मीना को भेज दिया।
वहां से 23 जनवरी 2019 को यह फाइल चीफ इंजीनियर आईडी खान के पास पहुंच गई। चीफ इंजीनियर ने फाइल को मंजूर करते हुए 24 जनवरी 2019 को अधीक्षण अभियंता आरसी मीना के पास भिजवा दिया। एक्सईएन जेएसडी कटारा ने अगले दिन फाइनल बिल पास कर ठेकेदार को 49 लाख का पेमेंट के लिए मामला कलेक्ट्रेट में ट्रेजरी को भिजवा दिया।
एक साल के काम में लगा दिए पौने तीन साल, इंजीनियरों ने मानी विभाग की गलती
विभाग के तत्कालीन एडिशनल चीफ इंजीनियर आईडी खान ने जुलाई 2013 में विद्युत नगर में टंकी, पंप हाउस व पाइपलाइन डालने के लिए मैसर्स कश्मीरी लाग कान्ट्रेक्टर कंपनी (श्री गंगागनगर) को एक करोड़ 90 लाख रुपए का वर्कऑर्डर दिया।
फर्म को एक साल में काम करना था। लेकिन फर्म ने इस काम में 2 साल 9 माह 17 दिन का समय लगा दिया। इसके साथ ही काम का खर्चा भी बढ़कर दो करोड़ 37 लाख रुपए हो गया। काम में दो गुना से भी ज्यादा समय लगने के कारण यह प्रकरण फाइनेंस कमेटी में भिजवाना था। लेकिन चीफ इंजीनियर ने ही मंजूर कर दिया।
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