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जयपुर4 मिनट पहले
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर राजस्व विभाग की मीटिंग की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को अपने निवास से राजस्व विभाग की योजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कोरोना लगातार अपना मिजाज बदल रहा है। किसी डॉक्टर को इसका इलाज नहीं पता, सभी अंदाज के इलाज हैं। न वैक्सीन, न ही कोई दवा आई है। कंपनियां इसकी दवा बनाने के लिए करोड़ों खर्च कर रही हैं। लॉकडाउन के बाद अनलॉक किया गया। ऐसे में आप सभी अपना और अपने परिवार का ध्यान रखिए। जनता के सहयोग से ही ये जंग जीत सकते हैं।
गहलोत ने आगे कहा कि सभी डॉक्टर कह रहे हैं कि राजस्थान में सभी लोग एक महीने तक लगातार मास्क लगा लें तो कोरोना कंट्रोल हो सकता है। सभी जगह सरकार की तरफ से मास्क बांटे जा रहे हैं। 2 अक्टूबर से इस अभियान को शुरू किया था।
उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद हमारी अर्थव्यवस्था खराब हुई है। कोई कल्पना नहीं कर सकता राज्य में हमने इतने ऑक्सीजन प्लांट लगाए हैं। नवंबर में संख्या सर्दी के साथ और बढ़ सकती है। त्यौहारों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग भूल जाते हैं। इससे कोरोना फैल रहा है। हमारे यहां मृत्युदर कम है। रिकवरी रेट अच्छा है। इसके कारण लोग बेपरवाह हो रहे हैं। ठीक होने के बाद भी लोगों को कुछ दिन बाद दूसरी बीमारियां हो रही हैं।
आजादी के बाद पहली बार राजस्व दिवस मनाया जा रहा
गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार राजस्व दिवस मनाया जा रहा है। हर साल ये दिवस मनाने का संकल्प लेना है। इससे हर साल का लेखा-जोखा रखा जा सके। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इतनी बड़ी क्रांति हुई थी। एक कलम से किसान को अपनी जमीन का मालिक बनाया गया था। आज हम योजनाओं का ऑनलाइन लोकापर्ण कर रहे हैं। ये इसलिए संभव हो पाया क्योंकि राजीव गांधी का सपना था कि हम विकसित राष्ट्रों से नई शताब्दी में जंप करें। इससे हम आगे बढ़ सकें। ये उनका सपना था। जब कंप्यूटर लाए गए, इंटरनेट की बात की गई, ईमेल लाए गए तब लोग नहीं समझे।
आज इसरो दुनियाभर के 100 सेटेलाइट छोड़ रहा
जब वास्तव में मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर आ गए तब लोगों को पता चला कि उनका सपना क्या था। आईटी एक्सपर्ट सैम पित्रोदा को लाया गया। जहां जयपुर-जोधपुर बात करने के लिए घंटों इंतजार करते थे। आज दस बटन दबाई और कहीं भी बात कर लो। इंटरनेट के जरिए दुनियाभर का ज्ञान ले सकते हैं। नई पीढ़ी हमसे आज 100 गुना आगे है। कहने का मतलब है कि पूरी क्रांति हो चुकी है। गहलोत ने कहा कि इसरो रोज आज 100 देशों के सेटेलाइट छोड़ रहा है। ये क्या छह महीने में हुई। इंदिरा गांधी और पंडित नेहरु ने इसरो को आगे बढ़ाने के सपने देखे थे। उसके बाद यहां तक पहुंचे।
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