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- सुभाषचौक क्षेत्र में पानों का दरीबा स्थित एक मकान में 9 जून को हुआ था कोरोना विस्फोट
- सबसे पहले 5 जून को एक बंगाली महिला पॉजिटिव आई, इसके बाद 26 और पॉजिटव मिले

विष्णु शर्मा
Jun 14, 2020, 01:58 PM IST
जयपुर. कोरोना महामारी के बीच तेजी से फैल रहे संक्रमण के बीच राजधानी जयपुर में पानों का दरीबा स्थित एक मकान पिछले दिनों अचानक सुर्खियों में आ गया। इसके पीछे वजह यह कि यहां सुभाषचौक इलाके में 9 जून की रात को एक ही मकान में रहने वाले 26 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इनमें एक महिला और उसकी मासूम बेटी इस मकान के मालिक की बहू और पौती थी। वहीं, बाकी सभी किराएदार थे, जो कि मूल रुप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले है।
जयपुर में यह पहला मौका था जब एक ही मकान में इतनी बड़ी संख्या में एक ही मकान में पॉजिटिव केस मिले। जिसकी रिपोर्ट सामने आने पर चिकित्सा एवं प्रशासनिक महकमे में भी हलचल मच गई। आनन फानन में सुभाषचौक थाने के ड्यूटी ऑफिसर एएसआई अशोक सिंह व मेडिकल टीम के डॉक्टर रात करीब पौने 12 बजे संकरी गलियों में स्थित इस घर तक पहुंचे। वहां मौजूद इन 26 संक्रमित मरीजों को चार-पांच 108 एंबुलेंस की मदद से प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस अस्पताल के कोविड वार्ड तक पहुंचाया गया।
इस दौरान गली मोहल्ले में रहने वाले आसपड़ौस के लोग भी एकबारगी परेशान हो गए। अगले दिन डीसीपी नार्थ डॉ. राजीव पचार के आदेश पर वहां एक किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया। वहां लकड़ी की बेरिकेडिंग कर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। ताकि वहां कोई आवाजाही नहीं हो और संक्रमण को रोका जा सके। भास्कर संवाददाता ने इस मकान तक पहुंचकर गहराई से यह जानकारी जुटाने की कोशिश की कि आखिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में यहां कोराना संक्रमण फैला। पड़ताल के दौरान भास्कर संवाददाता ने स्थानीय पुलिसकर्मी, मकान मालिक और स्थानीय लोगों से बातचीत की, जिसमें सामने आया यह कारण:

चार दिन बाद आई रिपोर्ट, इस बीच संपर्क में आने से बढ़ता गया संक्रमण
सबसे पहले आपको बता दें कि जिस मकान में कोरोना विस्फोट हुआ। इसमें मकान मालिक दंपत्ती, उनके दो बेटे-बहू और बच्चे रहते है। काफी बड़े इसी मकान के एक हिस्से में करीब आठ-दस बंगाली परिवार किराए से रहते है। जिनकी संख्या लगभग 40 है। इनमें बंगाली महिलाएं घरों में साफ सफाई, मजदूरी और ज्यादातर पुरुष सीतापुरा में निजी कंपनियों में मजदूरी और ज्वैलरी का काम करते है।
यहां किराए से रहने वाली एक महिला लॉकडाउन में राहत मिलते ही घरों में साफ-सफाई करने जाने लगी। इस दौरान उसे हल्का बुखार व जुकाम हुआ। तब वह 1 जून को गंगापोल सरकारी डिस्पेंसरी में दवा लेने गई। जहां कोरोना के लक्षण नजर आने पर वहां मौजूद मेडिकल टीम ने उसके स्वाब सैंपल लिए। उसे होम क्वारेंटाइन रहने को कहा गया।लेकिन यह रिपोर्ट आने में चार दिन लग गए। इस बीच वह महिला मकान में रहने वाले अन्य किराएदारों के संपर्क में रही। बताया जा रहा है कि ये सभी किराएदार एक दूसरे के रिश्तेदार या पुराने परिचित भी है। खैर, 5 जून को चिकित्सा विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसे आरयूएचएस भेज दिया गया।

6 जून को मकान में रहने वाले 44 और आसपड़ौस के मकानों से करीब 15 लोगों के सैंपल लिए
पुलिस के मुताबिक आशंका थी कि इसी मकान में करीब 50 लोग एक साथ रहते है। आसपास अन्य मकानों में भी बंगाली परिवार रहते है। कहीं एक दूसरे के संपर्क में आने से कम्यूनिटी स्प्रेंडिंग ना हुआ हो। ऐसे में 6 जून को जिस मकान में महिला पांच जून को पॉजिटिव पाई गई थी। वहां मकान मालिक के परिवार और अन्य किराएदारों में 44 लोगों के मेडिकल टीम ने कोरोना टेस्ट के लिए स्वाब सैंपल लिए। उन्हें फिर से होम क्वारेंटाइन की सलाह दी गई।
इसके बाद 9 जून की रात को जो रिपोर्ट आई। उसने हैरान कर दिया। एक साथ मकान में रहने वाले 25 महिला पुरुष और बच्चों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। इसके अलावा दो अन्य मकानों में एक महिला और एक अन्य व्यक्ति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसे में रात को मेडिकल टीम व सुभाषचौक थाना पुलिस मौके पर पहुंची। वहां रिपोर्ट के बारे में इन संक्रमितों को जानकारी देकर आरयूएचएस भेजा गया।

एक पॉजिटिव महिला रिपोर्ट आने से पहले ही कलकत्ता भाग गई
इस बीच पड़ौस के मकान में पॉजिटिव मिली महिला को लेने मेडिकल टीम पहुंची तो पता चला कि वह अपने पति के साथ 7 जून को रिपोर्ट आने से पहले ही हावड़ा ट्रेन से कलकत्ता के लिए जा चुकी है। ऐसे में प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में महिला की डिटेल निकालकर उससे संपर्क किया गया। तब तक वह बिहार पहुंच चुकी थी। स्थानीय कोरोना कंट्रोल रुम से सूचना कलकत्ता प्रशासन को दी गई। नाम पता मिलने पर 10 जून को उस संक्रमित महिला को वहां मेडिकल टीम व पुलिस ने तलाश कर लिया।
इसके बाद उसे वहीं कोविड अस्पताल पहुंचाया। इसी मकान में 12 जून को एक और व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है। उसे भी आरयूएचएस भेजा गया है। साथ ही, सबसे पहले संक्रमित पाई गई महिला को एक सप्ताह उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। वह अब इसी मकान में है। अब यहां गली में सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां इस मकान के दरवाजे बंद पड़े है। आसपास के लोग भी यहां से गुजरने से कतराते है।
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