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नागौर3 घंटे पहले
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सड़क पर चढ़ती पिकअप से टकराने के बाद चिंगारी उठी और अनियंत्रित होकर कार डंपर से जा टकराई।
- बुधवार शाम को जयपुर निकले थे चारों, बांसड़ा के पास हादसे में अधिवक्ता और शिक्षक भी, एक घायल
तेज रफ्तार ने गुरुवार आधी रात बाद हुए हादसे में तीन दोस्तों की जान ले ली। जबकि एक घायल हो गया। डीडवाना रोड पर बांसड़ा गांव के पास हादसे से पहले सभी जयपुर से लौट रहे थे। कार सवार युवकों में एक युवक का अपने परिचित का एमबीबीएस का एडमिशन करवाने, मंत्री से मिलने, ट्रांसफर करवाने आदि कामों के लिए गया था। वे अपने साथ अन्य मित्रों का भी ले गए।
कार जब रात को 12 बजे के करीब बांसड़ा के पास पहुंची तो महादेव होटल से सामान से भरी पिकअप सड़क पर आई। लोगों ने बताया कि कार करीब 120 किमी की तेज रफ्तार से पिकअप के पिछले भाग से टकराकर सड़क के साइड में खड़े डंपर में जा घुसी। पुलिस के अनुसार हादसे के बाद कार में सवार तीन की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना हो जाने के बाद रोल टोल नाके के नर्सिंग स्टाफ सुरेश फूलफगर व लक्ष्मण रामावत ने टोल नाके की एम्बुलेंस द्वारा कार में सवार गम्भीर घायलों को जेएलएन अस्पताल पहुंचाया।
जहां डॉक्टरों ने कृष्णा कॉलोनी नागौर निवासी अधिवक्ता गौतम नायक (35) पुत्र भंवरलाल नायक व सिंदलों का मोहल्ला अजमेरी गेट नागौर निवासी शागीर खान (42) पुत्र गफार खान तथा पीएचईडी कॉलोनी नागौर निवासी शिक्षक लक्ष्मणसिंह (45) पुत्र बाबूलाल को मृत घोषित कर दिया। वहीं कार में सवार एक अन्य नागौर निवासी सत्यवीर वाल्मीकि (24) के घायल हो जाने पर भर्ती करवाया गया। सत्यवीर के भाई ने बताया कि उसके पैरों मेें फ्रैक्चर है। उसका ऑपरेशन हुआ है।
गुरुवार रात को 12 -1 बजे के बीच हादसा, सीसीटीवी में तेज रफ्तार दिखी कार
- 8:15 बजे : नागौर से सभी लोग कार में बैठकर जयपुर के लिए रवाना हो गए। वे इस दौरान एक आध बार रास्ते में रूके और फिर रात में सिंधी कैंप स्थित एक होटल में रूके।
- 5:30 बजे : शाम को साढ़े 5 बजे सारे काम निपटा कर दोस्त नागौर के लिए रवाना हुए। डेढ़ घंटे बाद कुचामन और फिर खाटू में रूके। आराम से गाड़ी चलाते ये सभी नागौर की सीमा में प्रवेश कर गए।
- 12:15 बजे : रात को करीब 12 से एक के बीच यह हादसा बांसड़ा के पास हो गया। जिसमें तीन की मौके पर ही मौत हो गई।
- 4:14 बजे : शुक्रवार को तड़के सवा चार बजे के आस- पास परिवार के बारे में जानकारी पुलिस को पुख्ता हो सकी।

सीसीटीवी में पिकअप चालक धीमी गति में दिखा
जहां हादसा हुआ वहां महादेव होटल पर सीसीटीवी लगा है। कैमरे में पिकअप चालक सड़क पर आने के बाद वाहन की गति धीमी कर लेता है। तभी कार में उससे टकरा जाती है। यह सब पांच सैकंड में घटित हुआ। इससे कार टकराने के बाद पूरी तरह बिखर गई। हादसे के बाद कार डंपर में जा घुसी।
आपबीती
हम चार लोग निकले थे, हादसे में दोस्त नहीं रहे दुख है
हम 4 लोग जयपुर गए थे। एक दोस्त के परिचित का एमबीबीएस की फीस जमा करवाई। अन्य काम भी थे इसलिए गौतम के साथ गए थे। वहां एक ऑफिस में गए। मैं कार में बैठा था। शाम साढ़े 5 बजे जयपुर से निकले। कुचामन में नींद आ गई। खाटू में गौतम ने उठाया खाना खाने को कहा। हादसे में झटके से ही मेरी आंख खुली थी। सीट पर दुबक कर बैठा था इसलिए बचा। (जैसा घायल सत्यवीर ने बताया)।
बिना बताए जयपुर गए थे सभी दोस्त : काम नहीं हुआ तो कुछ दिन बाद फिर जाने की थी तैयारी
अधिवक्ता गौतम नायक शीतला माता मंदिर के पास के निवासी थे। जानकारी है कि इस भीषण हादसे के दौरान वे चालक सागीर के पास ही आगे ही सीट पर थे। उन्हीं के काम से सभी जयपुर कार लेकर निकले थे। गौतम ने देरी के कारण जयपुर फिर से आने की बात हादसे से पहले अपने दोस्तों को कही थी। इस दौरान उन्होंने जमीन मामले को लेकर भी चर्चा की थी। वे नागौर से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके है।
सागीर अनुभवी चालक थे। उनके रिश्तेदार जाबिर ने बताया कि सागीर वाहन चलाते थे। उनके तीन बच्चियां और एक बच्चा है। वे अधिवक्ता गौतम के साथ ही रहते थे और दोनों की अच्छी दोस्ती थी। इसी के लिए वे जयपुर भी साथ गए थे। वे मिलनसार थे। हादसे के दौरान कार सागीर ही चला रहे थे। रिश्तेदार सरदार खान ने बताया कि सागीर रूटीन में भी जयपुर जाया करते थे।
शिक्षक लक्ष्मण पाल अजमेरी गेट स्कूल में पढ़ाते थे। उनके दो पुत्र है। वे बाड़मेर में भी कार्यरत रहे। वे अच्छा क्रिकेट खेलते थे। अपने दोस्त को भी साथ ले गए थे। उनके भाई धर्माराम ने बताया कि लक्ष्मण पढ़ाई करने वालों की खास तौर पर सहायता करते थे। पाल हादसे के दौरान अधिवक्ता के पीछे वाली सीट पर ही थे। हादसे को लेकर बहनोई राजेंद्र टाक ने बताया कि वे अपने दोस्त के साथ जयपुर गए थे। लौटते समय हादसा हुआ।
समय नहीं था, लौटे
गौतम अपने दोस्त राजेश से मिले और वहां पर व्यापार संबंधी बात की। वे डीएवी स्कूल के पास एक ऑफिस में भी गए। दोस्तों का किसी मंत्री से मिलने का भी कार्यक्रम था लेकिन देर होने के कारण वे बिना किसी से मिले ही नागौर रवाना हो गए। कार का मालिक सुरेश है।
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